अब मनीष हत्याकांड की सुनवाई सीबीआई की दिल्ली कोर्ट में होगी

अब मनीष हत्याकांड की सुनवाई सीबीआई की दिल्ली कोर्ट में होगी

अब मनीष हत्याकांड की सुनवाई सीबीआई की दिल्ली कोर्ट में होगी

अब मनीष हत्याकांड की सुनवाई सीबीआई की दिल्ली कोर्ट में होगी

लखनऊ। कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपी पुलिसकर्मी शनिवार को गोरखपुर जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए. सीबीआई की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट यशा शर्मा ने आरोपी की न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ाते हुए अब इस मामले की अगली सुनवाई 14 फरवरी को तय की है. हालांकि तय तिथि से पहले इस मामले की फाइल सीबीआई की विशेष अदालत को भेजी जाएगी. दिल्ली में। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के मुताबिक अब इस मामले की सुनवाई दिल्ली की सीबीआई कोर्ट में होगी. यह जानकारी मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी के वकील केके शुक्ला ने दी है। मीनाक्षी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर कर इस मामले की सुनवाई दिल्ली की सीबीआई कोर्ट में करने की मांग की थी.

सीबीआई ने सात जनवरी को इस मामले में छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ विशेष अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था. इसमें गोरखपुर के रामगढ़ ताल के तत्कालीन थाना प्रभारी जगत नारायण सिंह, निरीक्षक अक्षय कुमार, विजय यादव, राहुल दुबे व मुख्य आरक्षक कमलेश सिंह यादव व आरक्षक प्रशांत कुमार पर हत्या आदि का आरोप लगा है. गोरखपुर जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।

सीबीआई ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 323, 325, 506, 218, 201 के साथ-साथ 34, 120बी और 149 के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। इसके मुताबिक कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता अपने दोस्तों के साथ गोरखपुर के रामगढ़ ताल थाना क्षेत्र के एक होटल में ठहरे थे. 27 सितंबर की रात आरोपी पुलिसकर्मी उसके कमरे में गए। उनके साथ दुर्व्यवहार किया। मनीष ने इसका विरोध किया। इस पर आरोपी ने उसकी जमकर पिटाई कर दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

मनीष की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता की शिकायत पर 29 सितंबर 2021 को थाना रामगढ़ ताल में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसकी जांच सरकार के निर्देश पर कानपुर की एसआईटी कर रही थी. लेकिन मुख्यमंत्री ने मीनाक्षी की मांग पर घटना की सीबीआई जांच की सिफारिश की. 2 नवंबर 2021 को सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी। जांच के दौरान सीबीआई ने पाया कि मनीष की मौत पुलिसकर्मियों की पिटाई से हुई है.